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durga bhajan lyrics दुर्गा भजन लिरिक्स

Aur asro chod asro le liyo kuwar kanhayi ko,ओर आसरो छोड आसरो, ले लियो कूँवर कन्हाई को,narsi mehta bhajan

ओर आसरो छोड आसरो, ले लियो कूँवर कन्हाई को।

ओर आसरो छोड आसरो, ले लियो कूँवर कन्हाई को।हे बनवारी आज मायरो, भर जा नानी बाई को॥ 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺


असूर सहारन, भक्ता उबारन, चार वेद महिमा गाई।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
जहाँ जहाँ भीड़ पड़ी भक्तन पर तहाँ तहाँ आप करे सहाय।पृथ्वी लाकर सृष्टि रचाई, वाराह सत्युग माँहि।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺आसूर मार प्रह्लाद उबारियो, प्रगट भये खम्बा माही।वामन बनकर बली को छल लिनो, किनो काम ठगाई को।हे बनवारी आज मायरो, भर जा नानी बाई को॥


मच्छ कच्छ अवतार धारकर, सूर नर की मन्सा पूरी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
आधी रैन गजराज उबारियो, गरूड़ छोड़ पहुँचे पूरी।भस्मासूर को भस्म कियो जब, सुन्दर रूप बने हुरी॥नारद की नारी ठग लिनी, जाकर आप चढ़े दूरी॥
असूरन से अमृत ले लिनो, किनो काम ठगाई को॥हे बनवारी आज मायरो, भर जा नानी बाई को॥


परशूराम श्री रामचन्द्र हो, गौतम की नारी तारी।
भिलनी का बेर झुठा खाया, शंका तार दिवी सारी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
करमाँ के घर खीचड़ खायो, तारी अधम गणका नारी॥छलकर तर गई नार पुतना, कूब्जा भई आज्ञाकारी।सेन भगत् का साँसा मेटया, रूप बना हरी नाई को॥हे बनवारी आज मायरो, भर जा नानी बाई को॥


नाम देव हो दास कबीरा, धन्ना भगत को खेत भरयो।दूर्योधन का मेवा त्यागा, साग विदूर घर पान कियो॥🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
प्रीत लगा कर गोपी तर गई, मीराजी को काज सरयो।चीर बढ़ायो द्रौपद सुता को, दुःशासन को मान घटयो।कहे नरसी लो सुन साँवरियाँ, कर ले काम भलाई को॥हे बनवारी आज मायरो, भर जा नानी बाई को॥

ओर आसरो छोड आसरो, ले लियो कूँवर कन्हाई को।हे बनवारी आज मायरो, भर जा नानी बाई को॥

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