जुल्मी ऐसी बजाई मुरलिया,
मेरी यमुना में बह गई गागरीया।
सुध बुध खो गई बावरी हो गई।🌺🌺🌺🌺
कहा रे गई पांव की पायलीया।मेरी यमुना में बह गई गागरीया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺जुल्मी ऐसी बजाई मुरलिया।
मेरी यमुना में बह गई गागरीया।
कभी भागु इधर कभी भागु उधर।🌺🌺
में तो भुल गई घर की डगरिया।मेरी यमुना में बह गई गागरीया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺जुल्मी ऐसी बजाई मुरलिया।
मेरी यमुना में बह गई गागरीया।
श्याम आजाओ ना अब तडपाओ ना।
ऐसी तडपु मैं जल बिन मछरिया।🌺🌺🌺🌺मेरी यमुना में बह गई गागरीया।जुल्मी ऐसी बजाई मुरलिया।
मेरी यमुना में बह गई गागरीया।
श्याम आये वहा बैठी राधा जहां।
मिल के रास सांवरिया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मेरी यमुना में बह गई गागरीया।जुल्मी ऐसी बजाई मुरलिया।
मेरी यमुना में बह गई गागरीया।
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Julmi aisi bajayi muraliya meri yamuna,जुल्मी ऐसी बजाई मुरलिया,Krishna bhajan
जुल्मी ऐसी बजाई मुरलिया,
मेरी यमुना में बह गई गागरीया।