ना पैसा लगता है, ना खर्चा लगता है, जय श्री श्याम बोलिए, बड़ा अच्छा लगता है।🌺🌺🌺ना पैसा लगता है, ना खर्चा लगता है, जय श्री श्याम बोलिए, बड़ा अच्छा लगता है।
एक शीतलता आ जाती, नाम श्याम का लेने से। सारी चिंता मिट जाती, हाथ श्याम को देने से। उसका हाथ थामता वह, जो सच्चा लगता है।जय श्री श्याम बोलिए, बड़ा अच्छा लगता है।
ना पैसा लगता है, ना खर्चा लगता है, जय श्री श्याम बोलिए, बड़ा अच्छा लगता है।
ना ही श्रद्धा ना भक्ति, ना प्रीत भाव है जिसमें। ना दर्शन पाने की इच्छा, ना मिलने का चाव जिसमें।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 ऐसा भक्त श्याम को स्वार्थ से कच्चा लगता है।जय श्री श्याम बोलिए, बड़ा अच्छा लगता है।
ना पैसा लगता है, ना खर्चा लगता है, जय श्री श्याम बोलिए, बड़ा अच्छा लगता है।
सब कुछ उस पर छोड़ कर, हाथ को प्रेम से जोड़ के। आता है जब भक्त शरण में, सब से नाता तोड़ के।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 निर्मल मन का भक्त श्याम को, बच्चा लगता है। जय श्री श्याम बोलिए, बड़ा अच्छा लगता है।
ना पैसा लगता है, ना खर्चा लगता है, जय श्री श्याम बोलिए, बड़ा अच्छा लगता है।