तर्ज,सज रही गली
सज रहे भोले बाबा अंधेरे कमरे में।अंधेरे कमरे में,अंधेरे कमरे में।सज रहे भोले बाबा अंधेरे कमरे में।
मेरे भोले बाबा की,अजब है बात।भूतों की टोली लेकर, चले हैं बारात।🌹🌹🌹🌹सज रहे भोले बाबा अंधेरे कमरे में।
दूल्हा मतवाला,भोला!! पीवे भंग प्याला,भोला!! जट्टा है लटके,भोला!!है नाग लपट के, भोला!!🌹🌹🌹🌹🌹🌹वो धूनी रमाए,भोला!!!गांजा भी सटाए,भोला!!डम डमरू बजाए, भोला!!!चिता भस्म लगाए,भोला!!!अरे बैल को सजाया,मृग छाल लटकाया।२।🌹🌹🌹🌹सज रहे भोले बाबा अंधेरे कमरे में।
चल पड़ी बाराती,भोले!!!पिए भंग के गोले, भोले!!!कोई लूला लंगड़ा,भोले!!!कोई मोटा तगड़ा, भोले!!!कोई पत्तल चाटे, भोले!!!कोई लगा ठहाके,भोले!!!सब हंसे है नारी,भोले!!!और हंसे त्रिपुरारी, भोले!!!अरे पहुंचे ससुरारी,जब बाघाम्बर धारी।२।सज रहे भोले बाबा अंधेरे कमरे में।
हिमाचल देखे, भोला!!मैनावती देखे भोला!!ये क्या वर देखा,भोला!! नहीं कोई मिला क्या,भोला!!!🌹🌹🌹🌹🌹🌹 हे धरती फट जा,भोला!!में जी नही पाऊं, भोला!!!मेरी लाडो प्यारी,भोला!!!अब होगी दुखारि,भोला!!🌹🌹🌹🌹🌹🌹गोरा ने मनाया और ध्यान है लगाया।२।फिर से!!!????सज गए भोले बाबा,अंधेरे कमरे में।
सज रहे भोले बाबा अंधेरे कमरे में।अंधेरे कमरे में,अंधेरे कमरे में।सज रहे भोले बाबा अंधेरे कमरे में।