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हनुमान (बालाजी) भजन लिरिक्स hanuman balaji bhajan lyrics

Bajrang ke aate aate kahi bhor na ho jaye,बजरंग के आते आते कही भोर हो न जाये,balaji bhajan

बजरंग के आते आते कही भोर हो न जाये

बजरंग के आते आते कही भोर हो न जाये रे, ये राम सोचते हैं, श्री राम सोचते हैं

बजरंग के आते आते कही भोर हो न जाये रे,
ये राम सोचते हैं, श्री राम सोचते हैं ।

क्या भोर होते होते बजरंग आ सकेंगे,
लक्ष्मण को नया जीवन फिर से दिला सकेंगे ।
कही सास की ये डोरी कमजोर हो न जाये रे,
ये राम सोचते हैं, श्री राम सोचते हैं ॥

कैसे कहूँगा जा के मारा गया है लक्ष्मण,
तज देगी प्राण सुन के माता सुमित्रा फ़ौरन ।
कहीं यह कलंक मुझसे इक और हो ना जाए रे,
ये राम सोचते हैं, श्री राम सोचते हैं ॥

लक्ष्मण बिना है टूटा यह दांया हाथ मेरा,
कुछ सूझता नहीं है चारो तरफ अँधेरा ।
लंका में कहीं घर घर ये शोर हो ना जाये रे
ये राम सोचते हैं, श्री राम सोचते हैं ॥

वर्ना अटल है मेरी बात ना टलेगी,
लक्ष्मण के साथ मेरी चिता जलेगी ।
मैं सोचता तो कुछ हूँ, कुछ और हो न जाये रे,

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