मीठे लगे तेरे बेर, शबरी मीठे लगे।
यह तो बता दो लाई कहां से,२। लाई कहां से, लाई कहां से। दीया सप्तरस इसमें गेर,शबरी मीठे लगे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺मीठे लगे तेरे बेर,शबरी मीठे लगे।
सारे वनों में हम घूमे हैं। हम घूमे हैं, हम घूमे हैं।कहीं ना खाए ऐसे बेर,शबरी मीठे लगे।🌺🌺मीठे लगे तेरे बेर, शबरी मीठे लगे।
रामचंद्र जी ने प्रेम से खाएं। प्रेम से खाए, प्रेम से खाएं।लक्ष्मण ने दिए बखेर,शबरी मीठे लगे।🌺मीठे लगे तेरे बेर, शबरी मीठे लगे।
रामचंद्र जी देख मुस्काए। देख मुस्काए, देख मुस्काए। खाने पड़ेंगे तेरे बेर,शबरी मीठे लगे।मीठे लगे तेरे बेर, शबरी मीठे लगे।
जब लक्ष्मण को छाई मूर्छा। छाई मूर्छा, छाई मूर्छा। बूटी बन गए बैर,शबरी मीठे लगे।🌺🌺मीठे लगे तेरे बेर, शबरी मीठे लगे।