तर्ज,साथिया नहीं जाना की जी ना लगे
सावरे बिन तुम्हारे गुजारा नहीं।
तेरे सिवा कोई हमारा नहीं।सावरे बिन तुम्हारे गुजारा नहीं।
जब से देखा सावरे, जलवा तुम्हारा, दिल तुझ पे है वारा, तेरे हो लिए।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तुमने भी सावरे, मेरी राहों से, चुन चुन कर के कांटे फूल बो दिए।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तेरी यह जुदाई गवारा नहीं,
सावरे बिन तुम्हारे गुजारा नहीं।सावरे बिन तुम्हारे गुजारा नहीं।
जब जब मैं सावरे, दर तेरे आया, बिन मांगे सब पाया, झोली भर गयी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
इतना मिला मुझे, जितने के लायक, मैं नहीं था ए मालिक, आँख भर गयी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
कैसे मैं कह दूँ तू हमारा नहीं,
सावरे बिन तुम्हारे गुजारा नहीं।सावरे बिन तुम्हारे गुजारा नहीं।सावरे बिन तुम्हारे गुजारा नहीं।
मिले मुझ को सांवरे, सेवा तुम्हारी, यह अरज हमारी, ठुकराना ना।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
कहता है भक्त अपनी नज़र से, इक पल के लिए भी गिराना ना।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
इक पल भी तुझ को विसारा नहीं,
सावरे बिन तुम्हारे गुजारा नहीं।सावरे बिन तुम्हारे गुजारा नहीं।सावरे बिन तुम्हारे गुजारा नहीं।