बन की मोर बनायियो मेरे मोहन,फिरती फिरूं गलियांन में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
कहां पे रहती कहां पे चुगती, कहां पे करती कीलोल मेरे मोहन,फिरती फिरूं गलियांन में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺बन की मोर बनायियो मेरे मोहन,फिरती फिरूं गलियांन में।
मथुरा रहती,वृंदावन चुगती,गोकुल करती किलोल मेरे मोहन,फिरती फिरूं गलियांन में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺बन की मोर बनायियो मेरे मोहन,फिरती फिरूं गलियांन में।
गोवर्धन को गोल चबूतरा,बैठन पंख मरोड़ मेरे मोहन,फिरती फिरूं गलियांन में।🌺🌺बन की मोर बनायियो मेरे मोहन,फिरती फिरूं गलियांन में।
उड़ उड़ पंख गिरे धरती पर, बिनत नंद किशोर मेरे मोहन,फिरती फिरूं गलियांन में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺बन की मोर बनायियो मेरे मोहन,फिरती फिरूं गलियांन में।
चुग पंखन को मुकुट बनाया तो बांधत नंद किशोर मेरे मोहन,फिरती फिरूं गलियांन में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺बन की मोर बनायियो मेरे मोहन,फिरती फिरूं गलियांन में।
बन की मोर बनायियो मेरे मोहन,फिरती फिरूं गलियांन में।🌺