तुम सजती रहो हम सजाते रहे।माँ सजाने में आनंद आता है।
तुम चंदन बनो हम पानी बने,घुल जाने में आनंद आता है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तुम सजती रहो हम सजाते रहे।
माँ सजाने में आनंद आता है।
तुम दीपक बनो हम बाती बने,लौ लगाने में आनंद आता है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तुम सजती रहो हम सजाते रहे।
माँ सजाने में आनंद आता है।
तुम सागर बनो हम लहरे बने,डूब जाने में आनद आता है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तुम सजती रहो हम सजाते रहे।
माँ सजाने में आनंद आता है।
तुम मिश्री बनो हम माखन बने,मिल जाने में आनंद आता है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तुम सजती रहो हम सजाते रहे।
माँ सजाने में आनंद आता है।
तुम चंदा बनो हम चकोरी बने,दिल लगाने में आनंद आता है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तुम सजती रहो हम सजाते रहे।
माँ सजाने में आनंद आता है।
तुम सुनती रहो हम सुनाते रहे,मैया गाने में आनंद आता है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तुम सजती रहो हम सजाते रहे।
माँ सजाने में आनंद आता है।
तुम फूल बनो हम धागा बने, गुथ जाने में आनंद आता है। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तुम सजती रहो हम सजाते रहे।
माँ सजाने में आनंद आता है।