नाम लेते ही बन जाते हैं सारे बिगड़े काम। ऐसे बजरंगी हनुमान मेरे बालाजी हनुमान।
मन में मूरत राम की और मुखड़े में राम नाम।ऐसे बजरंगी हनुमान मेरे बालाजी हनुमान।
बाल रूप में रवि को निगले, घोर अंधेरा छाया। देवलोक में सब घबराए, कुछ भी समझ ना आया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺इंद्र के वज्र को सहन किए तब, नाम पड़ा हनुमान।ऐसे बजरंगी हनुमान मेरे बालाजी हनुमान।
सारी सेना थक के हारी,सीता का पता लगाए।भोर से पहले संजीवन लाके,लखन के प्राण बचाए।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कर ना सके इस जग में कोई,ऐसे किए है काम।ऐसे बजरंगी हनुमान मेरे बालाजी हनुमान।
एकदींन था दरबार लगा, उस दिन का खेल निराला।हनुमान को मात सिया ने,दी मोतियांन की माला।🌺🌺🌺🌺🌺🌺तोड़ डाली बजरंग ने जब,देखा न उसमे राम।ऐसे बजरंगी हनुमान मेरे बालाजी हनुमान।