तर्ज,पूछते हो कन्हैया कहां है
आओ स्वागत करें अंबे मां का,अंबे दौड़ी चली आ रही है।
शशी ललाट मुख मां विशाला,नेत्र लाल भृकुटी बिकराला।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺उनके गले में मुंडो की माला,लहराते चली आ रही है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺आओ स्वागत करें अंबे मां का,अंबे दौड़ी चली आ रही है।
शिव योगी तुम्हारे गुण गावे,ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नीत ध्यावे।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺अन्नपूर्णा कहलाई मां अम्बे,देखो झोली भरने आ रही है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺आओ स्वागत करें अंबे मां का,अंबे दौड़ी चली आ रही है।
रूप सरस्वती का मां धारा,दे सुबुध्दि ऋषि मुनि उबारा।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺लक्ष्मी रूप धरके मां अंबा,सबके भंडार भरने आ रही है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺आओ स्वागत करें अंबे मां का,अंबे दौड़ी चली आ रही है।
केहरी वाहन सोहे भवानी,लंगूर वीर करे अगवानी।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺लेकर हाथों में अस्त्र त्रिशुला,दुष्टों को मारने आ रही है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺आओ स्वागत करें अंबे मां का,अंबे दौड़ी चली आ रही है।
आओ स्वागत करें अंबे मां का,अंबे दौड़ी चली आ रही है।