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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Radha mori bansi kaha kho gayi, राधा मोरी बंसी कहां खो गई,krishna bhajan

राधा मोरी बंसी कहां खो गई,कोई ना बताए और शाम हो गई।

राधा मोरी बंसी कहां खो गई,कोई ना बताए और शाम हो गई।राधा मोरी बंसी कहां खो गई।

बिन बंसी के कैसे घर जाऊं,बंसी प्राण से प्यारी।बाबा तो मोहे कछु ना कहेगो, दाऊ पड़ेगो भारी।

राधा मोरी बंसी कहां खो गई,कोई ना बताए और शाम हो गई।राधा मोरी बंसी कहां खो गई।

तूने तो कहीं नहीं चुराई,इतना मोहे बतलादे।बंसी के बदले में मुझसे,ठुमक नाच नचवाले।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺ग्वालों के संग खेल रहा था, यहीं कहीं खो गई।

राधा मोरी बंसी कहां खो गई,कोई ना बताए और शाम हो गई।राधा मोरी बंसी कहां खो गई।

तूने मेरी मटकी फोड़ी,में बंसी तोड़ दूंगी।एक एक मटकी के बदले,दस दस दिलाए लूंगी।फिर में तुझको नाच नचाऊं,तब में बंसी दूंगी।

राधा मोरी बंसी कहां खो गई,कोई ना बताए और शाम हो गई।राधा मोरी बंसी कहां खो गई।

कान्हा का हाल देखकर,राधा हंसने लागी।बंसी दिखा दिखाके राधा, दूर भागने लागी।राधे श्याम की जोड़ी देखो,सबके मन को भा गई।

राधा मोरी बंसी कहां खो गई,कोई ना बताए और शाम हो गई।राधा मोरी बंसी कहां खो गई।

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