ओ कलजुग ढोल बजातो आवे रे,चौड़े धाड़े।२।
सतजुग त्रेता द्वापर की अब,होगी रीत पुरानी।२।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹कान खोलकर सुन ले भाया,कलजुग की तूं कहानी।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹पाप करे वो धाप खावे रे,चौड़े धाड़े।ओ कलजुग ढोल बजातो आवे रे,चौड़े धाड़े।२।
मुंडे नही अब बोले देखो,मां का जाया भाई।बात बात करे झूटो बैर,झुटी करे रे लड़ाई।तुरत ही कोट कचेरी दिखावे रे,चौड़े धाड़े।ओ कलजुग ढोल बजातो आवे रे,चौड़े धाड़े।२।
बेटा की परणायेडी तो,गली गली में डोले।काम काज को कह देवे तो,सासु से नही बोले।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹बेटो बाप ने धमकावे रे,चौड़े धाड़े।🌹🌹🌹ओ कलजुग ढोल बजातो आवे रे,चौड़े धाड़े।२।
देखो रे कलजुग की छायां,मुर्दा मूंछ मुंडावे।अनपढ़ बालमिया ने बांकि, लुगायां पढ़ावे।देवे हाथ खरच घरवाली रे,चौड़े धाड़े।🌹🌹ओ कलजुग ढोल बजातो आवे रे,चौड़े धाड़े।२।
फीका पडग्या रिश्ता नाता,मतलब का सब साथ।दया धरम नही काण कायदो,हाथ ने खावे हाथ।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹बंदा झूठा बैर बंधावे रे,चौड़े धाड़े।ओ कलजुग ढोल बजातो आवे रे,चौड़े धाड़े।२।
ओ कलजुग ढोल बजातो आवे रे,चौड़े धाड़े।२।