चलो बुलावा आया है,कन्हैया ने बुलाया है।वृंदावन की कुंज गलिन का,सपना मुझे क्या खूब आया है।
सारे जग में एक ठिकाना, कृष्णा के दीवानों का।रस्ता देखे बांके बिहारी,अपने भक्तों के आने का।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹व्रज रज माथे लगाकर नाचूं,ऐसा खयाल दिल में आया है।
चलो बुलावा आया है,कन्हैया ने बुलाया है।वृंदावन की कुंज गलिन का,सपना मुझे क्या खूब आया है।
राधे राधे कहते जाओ,परिक्रमा लगाते जाओ।जमुना मैया को नमन कर,व्रज की महिमा गाते जाओ।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹जो व्रज धाम एकबार है आया,बार बार वो यहां आया है।
चलो बुलावा आया है,कन्हैया ने बुलाया है।वृंदावन की कुंज गलिन का,सपना मुझे क्या खूब आया है।
वृंदावन के दर्शन को,लोग तरसते रहते है।हंसते हंसते आते है,रोते रोते जाते है।🌹हरी नाम धुन में जो रम गया है, असली कृपा से वो नहाया है।
चलो बुलावा आया है,कन्हैया ने बुलाया है।वृंदावन की कुंज गलिन का,सपना मुझे क्या खूब आया है।