करो ना बिघन सब दूर,सालासर वाला।करो ना बिघन सब दूर।
सालासर में भवन विराजे, झालर शंख नगाडा बाजे। द्वारे ऊपर नौबत बाजे, चढ़त है घृत सिंदूर।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹करो ना बिघन सब दूर।सालासर वाला,करो ना बिघन सब दूर।
हे बजरंगी हो रण मंडन, मोटे पाव भुजा बल खंडन। दानव मार के कर दिया खंडन, कर दिया चकनाचूर।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹करो ना बिघन सब दूर।सालासर वाला,करो ना बिघन सब दूर।
रामचंद्र जी के सार दिए काजा, समुंदर ऊपर बांध दिए बांधा। रावण सरीसा मार दिए राजा।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 मुखडे से बरसे हे नूर।करो ना बिघन सब दूर।सालासर वाला,करो ना बिघन सब दूर।
बालाजी ने सब ही मनावे, मन इच्छा पूजन फल पावे। बद्रीदास ब्राह्मण गावे।🌹🌹🌹 देवो जी विद्या भरपूर।करो ना बिघन सब दूर।सालासर वाला,करो ना बिघन सब दूर।
करो ना बिघन सब दूर,सालासर वाला।करो ना बिघन सब दूर।