तर्ज, मनिहारी का भेष बनाया
यहां देवता महान कहते हैं,वहां राधे का गुलाम कहते हैं।२।
यहां बैठा सिंहासन लगाके, वहां राधे के पीछे पीछे भागे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 यहां गोकुल की शान कहते हैं, वहां राधे का गुलाम कहते है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹यहां देवता महान कहते हैं,वहां राधे का गुलाम कहते हैं।
यहां भक्तों पर रोब जमाए, वहां उंगली पर राधा नचाये। यहां भक्तों की शान कहते हैं, वहां राधे का गुलाम कहते हैं।🌹🌹🌹🌹यहां देवता महान कहते हैं,वहां राधे का गुलाम कहते हैं।
यहां लाखों लाखों है भिखारी, वहां राधे का हो गया पुजारी। यहां जिसे भगवान कहते है।वहां राधे का गुलाम कहते हैं।🌹🌹🌹यहां देवता महान कहते हैं,🌹🌹🌹🌹🌹🌹वहां राधे का गुलाम कहते हैं।
यहां भक्त श्याम श्याम जपते है, वहां राधिका के डंके बजते हैं। यहां दानी दयावान कहते है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹वहां राधे का गुलाम कहते हैं।यहां देवता महान कहते हैं,वहां राधे का गुलाम कहते हैं।
यहां भक्तों का ये प्यारा स्वामी, वहां राधा की करता गुलामी।इसे प्रेम का रसपान कहते है।राधा श्याम को प्रणाम करते है।🌹यहां देवता महान कहते हैं,वहां राधे का गुलाम कहते हैं।