यमुना किनारे झूलो घालयों जी कन्हाई। सखियां के सागे राधा झूलन आई ।झूलो घालयो रे कन्हाई।
राधे जी झूले हैं प्यारो, सांवरो झुलावे।मीठी-मीठी प्यारी प्यारी, बांसुरी बजावे। ठुमका लगावे प्यारो यदुराई। झूलो घालयो रे कन्हाई…
यमुना किनारे झूलो घालयों जी कन्हाई। सखियां के सागे राधा झूलन आई ।झूलो घालयो रे कन्हाई।
ललिता और विशाखा दोनों, मन में विचारे। सामी खड़ी खड़ी दोनों,श्याम ने निहारे। युगल छविपर मन बली जाई। झूलो घालयो रे कन्हाई….
यमुना किनारे झूलो घालयों जी कन्हाई। सखियां के सागे राधा झूलन आई ।झूलो घालयो रे कन्हाई।
राधे संग श्याम झूले, सखियां झुलावे। भक्त सारा खड़या खड़या देख हरसावे। सांवरा की छवि मनमें भाई ।झूलो घाल्यों रे कन्हाई…
यमुना किनारे झूलो घालयों जी कन्हाई। सखियां के सागे राधा झूलन आई ।झूलो घालयो रे कन्हाई।