तर्ज,मन डोले मेरा तन डोले
जीयरा तरसे,नैना बरसे,आया सावन नंदलाल रे,ये कौन बजावे बांसुरिया।
रिमझिम रिमझिम मेहा बरसे,लग रही मोह उर साल।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 कारी कारी चमके बिजुरिया,आवे है मोहे झाल, ओ श्यामा आवे है मोहे झाल।🌹🌹कैसे मिलूं में,तुमसे मोहन,हो गया हाल बेहाल रे,ये कौन बजावे बांसुरिया।
जीयरा तरसे,नैना बरसे,आया सावन नंदलाल रे,ये कौन बजावे बांसुरिया।
दादर मोर पपिहा बोले,कोयल करे कृपाल।बागों की सब कलियां फूटी,अब तो आय सम्हाल। ओ श्यामा अब तो आय सम्हाल।भौंरे गूंजे,फिरे तितलियां,सब प्रेम में हुए निहाल रे,ये कौन बजावे बांसुरिया।
जीयरा तरसे,नैना बरसे,आया सावन नंदलाल रे,ये कौन बजावे बांसुरिया।
इंद्रधनुषी रंग बिखरे हैं,खिल गए खूब नजारे।ये बिरहन तेरी जोवे गलियां,नैन भी अब तो हारे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 ओ श्यामा नैन भी अब तो हारे।🌹🌹🌹ढूंढूं तुझको, दरस दे मुझको,कैसा दीनदयाल रे,ये कौन बजावे बांसुरिया।
जीयरा तरसे,नैना बरसे,आया सावन नंदलाल रे,ये कौन बजावे बांसुरिया।