ओढ़ चुनर में तो गई रे सत्संग मे। सांवरियो भिगोई म्हाने गहरा गहरा रंग मे।🌹🌹🌹 सोच रही मन में, समझ रही मन में।सांवरियो भिगोई म्हाने, गहरा गहरा रंग में।
सत् की संगत में गुरुजी विराजे। कर कर दर्शन होई रे मगन मे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹सोच रही मन में, समझ रही मन में।सांवरियो भिगोई म्हाने, गहरा गहरा रंग में।
सत् की संगत में सहेलियां विराजे। गाय गाय हरि गुण होई रे मगन मे।🌹🌹🌹🌹सोच रही मन में, समझ रही मन में।सांवरियो भिगोई म्हाने, गहरा गहरा रंग में।
सत् की संगत में ज्योत रे जगत है। कर कर दर्शन होई रे मगन में।🌹🌹🌹🌹🌹🌹सोच रही मन में, समझ रही मन में।सांवरियो भिगोई म्हाने, गहरा गहरा रंग में।
सत की संगत में साज रे बजत है। गाई गाई हरि गुण होई रे मगन में।🌹🌹🌹🌹🌹सोच रही मन में, समझ रही मन में।सांवरियो भिगोई म्हाने, गहरा गहरा रंग में।
बाई मीरा गावे प्रभु, गिरिधर नागर। बाई मीरा गावे प्रभु, नटवर नागर। 🌹🌹🌹🌹भवजल पार करौनी पल छीन में।🌹🌹सोच रही मन में, समझ रही मन में।सांवरियो भिगोई म्हाने, गहरा गहरा रंग में।
ओढ़ चुनर में तो गई रे सत्संग मे। सांवरियो भिगोई म्हाने, गहरा गहरा रंग मे।