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मीरा बाई भजन लिरिक्स

Odh chunar me to gayi satsang me, ओढ़ चुनर में तो गई सत्संग में

ओढ़ चुनर में तो गई रे सत्संग मे।

ओढ़ चुनर में तो गई रे सत्संग मे। सांवरियो भिगोई म्हाने गहरा गहरा रंग मे।🌹🌹🌹 सोच रही मन में, समझ रही मन में।सांवरियो भिगोई म्हाने, गहरा गहरा रंग में।

सत् की संगत में गुरुजी विराजे। कर कर दर्शन होई रे मगन मे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹सोच रही मन में, समझ रही मन में।सांवरियो भिगोई म्हाने, गहरा गहरा रंग में।

सत् की संगत में सहेलियां विराजे। गाय गाय हरि गुण होई रे मगन मे।🌹🌹🌹🌹सोच रही मन में, समझ रही मन में।सांवरियो भिगोई म्हाने, गहरा गहरा रंग में।

सत् की संगत में ज्योत रे जगत है। कर कर दर्शन होई रे मगन में।🌹🌹🌹🌹🌹🌹सोच रही मन में, समझ रही मन में।सांवरियो भिगोई म्हाने, गहरा गहरा रंग में।

सत की संगत में साज रे बजत है। गाई गाई हरि गुण होई रे मगन में।🌹🌹🌹🌹🌹सोच रही मन में, समझ रही मन में।सांवरियो भिगोई म्हाने, गहरा गहरा रंग में।

बाई मीरा गावे प्रभु, गिरिधर नागर। बाई मीरा गावे प्रभु, नटवर नागर। 🌹🌹🌹🌹भवजल पार करौनी पल छीन में।🌹🌹सोच रही मन में, समझ रही मन में।सांवरियो भिगोई म्हाने, गहरा गहरा रंग में।

ओढ़ चुनर में तो गई रे सत्संग मे। सांवरियो भिगोई म्हाने, गहरा गहरा रंग मे।

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