तर्ज,मार दिया जाय
मौज उड़ाएगा, तूं रोज उड़ाएगा। खाटू वाले श्याम के दर, जिस रोज तू आएगा।
खाटू वाले का, जिसको सहारा है। जीतता ही गया, वह ना हारा है।🦚🦚🦚🦚🦚🦚 जिस ने मांगा है, जो उसने पाया है। वो बस जितना ही, बाबा की आदत है।🦚🦚🦚🦚मौज उड़ाएगा, तूं रोज उड़ाएगा। खाटू वाले श्याम के दर, जिस रोज तू आएगा।
बान रखता है बस, तीन तरकस में। हारना है नहीं, उसकी फितरत में। 🦚🦚🦚🦚🦚युद्ध सबसे बड़ा महाभारत छीड़ा। बाबा के होते कौरव नहीं हारते।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚मौज उड़ाएगा, तूं रोज उड़ाएगा। खाटू वाले श्याम के दर, जिस रोज तू आएगा।
चलकर द्वापर से, कलयुग में आया है। श्याम का नाम, बाबा ने पाया है।🦚🦚🦚🦚🦚 करता है हर घड़ी, बाबा जादूगरी। मौज भक्तों के अपने कराता है।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚मौज उड़ाएगा, तूं रोज उड़ाएगा। खाटू वाले श्याम के दर, जिस रोज तू आएगा।