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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Nirgun Bhajan,ghadi ghadi pal pal, घड़ी घड़ी पल पल बीते रे उमरिया

घड़ी घड़ी पल पल, बीते रे उमरिया

तर्ज,रामा रामा रटते रटते बीती

घड़ी घड़ी पल पल, बीते रे उमरिया। रामा रामा रट ले अब तो, कल की कौन खबरिया।

क्या जाने रे पागल पंछी,रहना दो दिन बाग में। क्या जाने क्या लिख रखा है, ब्रह्मा तेरे भाग में। सोच समझकर चलना जग की,टेढ़ी है डगरिया।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹रामा रामा रट ले अब तो, कल की कौन खबरिया।

आया है इस दुनिया में तो, मिलना सबसे प्यार से। क्या लाया क्या ले जाएगा, संग में इस संसार से।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 सिर पर अपने बांध रहा क्यों, पापों की गठरीया।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹रामा रामा रट ले अब तो, कल की कौन खबरिया।

राम भजन बिन जीवन तेरा, बीर्था ही हो जाएगा। अंत समय में अरे पागल तूं, रो रो कर पछतायेगा।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 छोड़ दे जग की झूठी ममता, झूठी रे नगरिया।रामा रामा रट ले अब तो, कल की कौन खबरिया।

घड़ी घड़ी पल पल, बीते रे उमरिया। रामा रामा रट ले अब तो, कल की कौन खबरिया।

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