जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता थारी पार्वती, पिता महादेवा।
एकदंत दयावंत चार भुजा धारी। मस्तक सिंदूर सोहे मूषक की सवारी।🌹🌹🌹🌹🌹🌹पान चढ़े फूल चढ़े, और चढ़े मेवा। लड्डूवन का भोग लगे, संत करें सेवा।🌹🌹🌹🌹🌹 जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
आंधन को आंख देत, कोढ़ीन को काया।बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।🌹🌹🌹🌹सुर श्याम शरण आए,सफल कीजे सेवा।माता थारी पार्वती, पिता महादेवा।🌹🌹🌹🌹🌹जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।