Categories
आरती,aarti

Ranisati dadi aarti, रानीसती दादी आरती

ॐ जय श्री रानी सती जी मैया जय जगदंबे सती।

ॐ जय श्री रानी सती जी मैया जय जगदंबे सती। अपने भक्त जनों की, अपने सेवक जन की, दूर करो विपत्ति।🌹🌹🌹🌹🌹🌹ओम जय श्री रानी सती।

अवनी अनंतर ज्योति अखंडित, मंडित चहूंकुंभा। दुर्जन दलन खड़ग की, विद्युतसम प्रतिभा।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 ओम जय श्री रानी सती।

मरकत मणि मंदिर अति मंजूल, शोभा लखीन परे। ललित ध्वजा चहूं ओरे,लाल ध्वजा चहुं ओरे, कंचन कलश धरे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹 ओम जय श्री रानी सती।

घंटा घनन घड़ावल बाजत, शंख मृदंग धूरे। किन्नर गायन करते, वेद ध्वनि उचरे।🌹🌹🌹 ओम जय श्री रानी सती।

सप्त मातृका करे आरती, सुरगण ध्यान धरे। विविध प्रकार के व्यंजन, नाना प्रकार के व्यंजन, श्रीफल भेंट धरे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹 ओम जय श्री रानी सती।

संकट विकट विदाऋणी, नाशिनी हो कुमती। सेवक जन हृदय पटले, मृदुल करण सुमति।ओम जय श्री रानी सती।

अमल कमल दल लोचनी, मोचणी त्रय तापा। दास आयो शरण आपकी, भक्त आयो शरण आपकी। लाज रखो माता।🌹🌹🌹🌹🌹 ओम जय श्री रानी सती।

श्री रानी सती मैया जी की आरती, जो कोई नर गावे। सदन सिद्धि नव निधि, अष्ट सिद्धि नव निधि, मन वांछित फल पावे।🌹🌹🌹🌹🌹 जय श्री रानी सती।

Leave a comment