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आरती,aarti

Aarti,shyam ki, श्याम बाबा की आरती,om jay shree shyam hare

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे। खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे।🦚🦚 ओम जय श्री श्याम हरे।

रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढूरे। तन केसरिया बागो, कुंडल श्रवण पड़े।🦚🦚🦚 ओम जय श्री श्याम हरे।

गल पुष्पों की माला, सिर पर मुकुट धरे। खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले।🦚🦚🦚 ओम जय श्री श्याम हरे

मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे। सेवक भोग लगावत सेवा नित्य करें। 🦚🦚🦚🦚ओम जय श्री श्याम हरे।

झांझ कटोरा और घड़ीयावल, शंख मृदंग धूरे। भक्त आरती गावे, जय जयकार करें।🦚🦚 ओम जय श्री श्याम हरे

जो ध्यावे फल पावे, सब दुख से उबरे। सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम श्याम उचरे।🦚 ओम जय श्री श्याम हरे।

श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे। कहत आलू सिंह स्वामी, मनवांछित फल पावे।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 ओम जय श्री श्याम हरे।

ओम जय श्री श्याम हरे। बाबा जय श्री श्याम हरे। निज भक्तों के तुमने, पूरण काम करें।🦚 ओम जय श्री श्याम हरे।

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