तर्ज, ओ बाबुल प्यारे
डाकिया जा रे श्याम ने संदेशों दिजे। श्याम ने जाए तू कह दीजे। भगत थारा दर्शन को तरसे। डाकिया जा रे।
कौन सो गांव थारो श्याम बसत है। इतनो म्हाने बता दे सेवक रे। 🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚गर तेरे पास है कोई निशानी, म्हाने तू दिखला दे सेवक रे।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 कईयां जानूंगा पहचान, मैं हूं छोरो अनजान। कईयां श्याम स्यू होसी मिलन। डाकिया जा रे।
खाटू में है श्याम जी का मंदिर। शिखर ध्वजा लहरावे डाकिया रे। 🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚ड्योढी पर हनुमान विराजे, सेवक चंवर ढूंलावे डाकिया हो।🦚🦚🦚🦚बांके नौबत बाजे द्वार,गूंजे हरदम जय जयकार। सज धज बैठयो श्याम सरकार।🦚 डाकिया जा रे।
पहुंच गयो है श्याम दरबार, बोलन लागयो संदेशों। बाबा ओ।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 बन बैठह्यो कद श्याम दीवानो, कुछ ना रहयों अंदेशों।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚आंखड़ल्या सु बरसी धार, जइयां सावन की फुहार।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚देख सांवरियो बोलयो यो वचन।डाकिया जा रे।
कह दीजे तूं जाय सेवक ने,तेरो बुलाओ आसी सेवक रे।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚सबकी आश पुराऊँ हूं तो, तूं कईयां रह पासी।तेरी सारी जानूं बात,पूरी करस्यूं मन की आश।पर बढ़ा मेरे कानी कदम।🦚🦚🦚🦚🦚डाकिया जा रे।
सुन संदेशों सांवरिया को, मनडो घणों हरसायों। बाबा ओ।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚बंध गया पांव में घुंघरिया सा,मन को मोरियो गायों।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚म्हारो श्याम बड़ो दिलवर,हो जाओ लेवन ने तैयार।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚महिमा गावे भक्त थारा,डाकिया जा रे।