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हनुमान (बालाजी) भजन लिरिक्स hanuman balaji bhajan lyrics

Balaji bhajan,na swar hai na sargam hai, ना स्वर है ना सरगम है

ना स्वर है ना सरगम है, ना लय ना तराना है।

ना स्वर है ना सरगम है, ना लय ना तराना है। हनुमान के चरणों में, एक फूल चढ़ाना है। बजरंग के चरणों में, एक फूल चढ़ाना है। ना..

तुम बाल समय में प्रभु, सूरज को निगल डालें। अभिमानी सुरपति के,सब दर्प मसल डालें। बजरंग हुवे जब से, संसार ने माना है। स्वर है ना सरगम है,ना लय ना तराना है।

सब दुर्ग डहा कर के, लंका को जलाए तुम। सीता की खबर लाए, लक्ष्मण को बचाए तुम। प्रिय भरत सरिस तुमको, सियाराम ने माना है।ना स्वर है ना सरगम है, ना लय ना तराना है।

जब राम नाम तुमने, पाया ना नगीने में। तुम फाड़ दिए सीना, सियाराम थे सीने में। विस्मित जग ने देखा, कपि राम दीवाना है।ना स्वर है ना सरगम है, ना लय ना तराना है।

हे अजर अमर स्वामी, तुम हो अंतर्यामी। मैं दीन हीन चंचल, अभिमानी अज्ञानी। जब तुमने नजर फेरी, मेरा कौन ठिकाना है।ना स्वर है ना सरगम है, ना लय ना तराना है।

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