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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Jiske hotho pe murli rahe rat din, जिसके होठों पे मुरली रहे रात दिन, कृष्ण भजन

जिसके होठों पे मुरली रहे रात दिन, बस वही मुरली वाला मुझे चाहिए।

तर्ज,कृष्ण गोविंद गोपाल गाते चलो

जिसके होठों पे मुरली रहे रात दिन, बस वही मुरली वाला मुझे चाहिए।🦚🦚🦚🦚🦚 मोर पंखों से सजता सुहाना मुकुट, बस वही गोपी ग्वाला मुझे चाहिए।

कोप ब्रज में किया, इंद्र ने जिस घड़ी। मूसलाधार बरसी थी, जल की झड़ी।🦚🦚 नख पर गिरिवर उठाकर, नचाते रहे।🦚🦚 बस वही मुरली वाला मुझे चाहिए। जिसके होठों पर मुरली…

हार बैठे थे जुवे में, पांचों पति।🦚🦚🦚🦚 आशा तुमसे लगाकर, रही द्रोपदी।🦚🦚🦚 लाज लाखों की आकर, बचाते रहे।🦚🦚🦚 बस वही मुरली वाला मुझे चाहिए। जिसके होठों पर मुरली…

विष का प्याला मीरा, यूं ही पीती रही।🦚🦚 रोज राणा से मीरा, यूं कहती रही।🦚🦚🦚 विष को अमृत बनाकर, पिलाता रहा।🦚🦚 बस वही मुरली वाला मुझे चाहिए। जिसके होठों पर मुरली…

सार गीता का अर्जुन को, समझा दिया।🦚🦚 ज्ञान की दृष्टि से रुप, दिखला दिया।🦚🦚🦚 उसके मन में प्रभु तेरी, ही है आशा।🦚🦚🦚 बस वही मुरली वाला मुझे चाहिए। जिसके होठों पर मुरली….

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