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श्याम भजन लिरिक्स

Darwar hajaro hai aisa darwar kaha, दरबार हजारों है ऐसा दरबार कहां,श्याम भजन

दरबार हजारों है, ऐसा दरबार कहां।

तर्ज, ऐ मेरे दिले नादान

दरबार हजारों है, ऐसा दरबार कहां। जो श्याम से मिलता है, कहो मिलता प्यार कहां।

जो आस लगा कर के, दरबार में आता है ।खाली झोली आता, भरकर ले जाता है।🌹🌹 मांगे सो मिल जाए, ऐसा भंडार कहां। दरबार हजारों है, ऐसा दरबार कहां।

सबके मन की बातें, बड़े ध्यान से सुनता है। फरियाद सुने बाबा, और पूरी करता है।🌹🌹 जहां सबकी सुनाई हो, ऐसी सरकार कहां। दरबार हजारों है, ऐसा दरबार कहां।

कोई प्रेमी बाबा का, जब हमको मिल जाए। सब रिश्तो से बढ़कर, एक रिश्ता बन जाए।🌹 यह श्याम धनी का है, ऐसा परिवार कहां। दरबार हजारों है, ऐसा दरबार कहां।

बिन्नू ने जो चाहा, दरबार से पाया है।🌹🌹 यही अपना सब कुछ है, संसार पराया है।🌹 इसे छोड़ मेरा सपना, होगा साकार कहां। दरबार हजारों हैं, ऐसा दरबार कहां।

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