थे भूल्ज्यो सब कुछ मगर मां बाप ने मत भूल्ज्यो। कर्जो घनो मां बाप को सिर पर चढ़यो मत भूल्ज्यो।थे भूल्ज्यो…
मुखडो तुम्हारो देखने हित,देवता पूज्या घणा।जन्म्या जना हरख्या घणा,इन बात ने मत भूल्ज्यो। थे भूल्ज्यो सब कुछ मगर मां बाप ने मत भूल्ज्यो।
चढ़ डागले थाली बजा, सारा कुटुंब भेला करया। गुड़ गांवमे घर घर बंटायो,लाड़ यो मत भूल्ज्यो।थे भूल्ज्यो सब कुछ मगर मां बाप ने मत भूल्ज्यो।
मां बाप का कपड़ा करया, मल मूत सु थे सुगला। धो पौंछ कर छाती लगायो,प्यार यो मत भूल्ज्यो।थे भूल्ज्यो सब कुछ मगर मां बाप ने मत भूल्ज्यो।
थे चुंगता रोगी हुया,खाई दवाई मावड़ी। टूना करया निजरा उतारी, वा बखत मत भूल्ज्यो।थे भूल्ज्यो सब कुछ मगर मां बाप ने मत भूल्ज्यो।
जद रुत सियालो रात आधी,मूत गुद्दडा गालता।तब साफ कर सूखे सुवाती, बा घड़ी मत भूल्ज्यो।थे भूल्ज्यो सब कुछ मगर मां बाप ने मत भूल्ज्यो।
अति गंदगी में आंगल्या भर,थे लकीरा मांडता।तब हाय छी छी कर नहलाया, बा घड़ी मत भूल्ज्यो।थे भूल्ज्यो सब कुछ मगर मां बाप ने मत भूल्ज्यो।
माता सिखायो बैठनो तो, थे गुड़क गिर जांवता।फिर बोलनो चलनू सीखायो,वो दिवस मत भूल्ज्यो।थे भूल्ज्यो सब कुछ मगर मां बाप ने मत भूल्ज्यो।
तक तोड़ मुख को गासियो, गोडे बिठा मुख में दियो।थे उगल पाछो थूकता, बा घड़ी मत भूल्ज्यो।थे भूल्ज्यो सब कुछ मगर मां बाप ने मत भूल्ज्यो।
अब तो बड़ी बाता बनाओ, देन सब मां बापकी।थे छेद मत करीज्यो कलेजे, जुग जुगां मत भूल्ज्यो।थे भूल्ज्यो सब कुछ मगर मां बाप ने मत भूल्ज्यो।
खुद थे कमायो धन घनों, मां बाप ने धार्या नही।या धूल है ऐसे कमाई,बात या मत भूल्ज्यो।थे भूल्ज्यो सब कुछ मगर मां बाप ने मत भूल्ज्यो।
थे अगर निज संतान से,सुख मिलनकी आश करो।खुश हो सदा मां बाप की सेवा करो,मत भूल्ज्यो।थे भूल्ज्यो सब कुछ मगर मां बाप ने मत भूल्ज्यो।
धन खरचता मिलसी सभी, माता पिता मिल्सी नहीं।थे नीत नवावो माथे पगमें,वचन ये मत भूल्ज्यो।थे भूल्ज्यो सब कुछ मगर मां बाप ने मत भूल्ज्यो।
थी मात कैकई पिता दशरथ,वचन प्रभु टाल्यो नही।श्री राम जीत्या लंकने,सियाराम ने मत भूल्ज्यो।थे भूल्ज्यो सब कुछ मगर मां बाप ने मत भूल्ज्यो।