तर्ज,धरती धोरा री
चालो सालासर थे चालो, बेगा जाकर दर्शन पाल्यो, बैठ्यो मां अंजनी को लालो, भक्तों चालो रे, ओ ओ भगतो चालो रे।
सूरज सामी मंदिर जांको,२ वो है देव बडो ही बांको। बाबो घर भर देसी थांको, भक्तों चालो रे। हो हो भक्तों चलो रे।
सिर सोने का छत्र विराजे,२ढोलक शंख नगाड़ा बाजे। दुनिया झूम झूम कर नाचे, भक्तों चालो रे। हो हो भक्तों चालो रे।
सोने चांदी का दरवाजा,२ बैठो सालासर को राजा। चरणा माही धोक लगाजा। भक्तों चालो रे। हो हो भक्तों चालो रे
आवे चैत को मेलो भारी,२पैदल जावे दुनिया सारी।वो है सेठ बड़ो दातारि। भक्तों चलो रे। हो हो भक्तों चालो रे।
जाके जात जडूला लागे,दर्शन करता संकट भागे। चालो गठजोड़ के सागे। भक्तों चालो रे। हो हो भक्तों चालो रे।