श्याम थारे क्यांको घाटो जी।२। दर्शन से म्हारा पाप कटे तो, क्यों ना कांटो जी। श्याम थारे क्यां को घाटो जी।
भक्त प्रहलाद भरोसे थारे, करयो बाप से बैर। असुर संधारण नरसी बनगयो, करी भगत पर महेर ।☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️खंब फाड़ प्रहलाद बचायो, लाज राखो जी। श्याम थारे…
बृजवासी सब आया दौड़ के, इंद्र सुं डर के। बृज न लई उबार सांपरा, नख गिरवर धर के। बरसयो अंबर भोत पानी को, लगे न छांटो जी।श्याम थारे…
लाखो भगत जगत में तारया, गिनता पावे न पार। बिन भक्ति के तारण आयो, जद समझां दातार।☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️ दर्शन देवो नाथ करो क्यों हिवड़ो काठो जी। श्याम थारे…
ना भक्ति ना भाव मेरे में,सीधी सीधी बात ।मानस गीता अर्ज करे है,सुननी पडसी बात ।पार लगाओ नाथ कान को, खोलो डाटो जी। श्याम थारे…