तर्ज, ए मेरे वतन के लोगों
मैं तुझ बिन कृष्ण कन्हैया,किसे अपनी कहूं कहानी ।मेरा ना कोई रखवाला, सारी दुनिया हुई विरानी।
जब सब को दूध पिलाया, मैं गौ माता कहलाई। किस-किस अपराध के बदले, मुझे काटे आज कसाई ।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹मेरा कोई साथ ना देता, मैंने सब की प्रीत पहचानी। मेरा ना कोई रखवाला, सारी दुनिया हुई विरानी।में तुझ से…
जब जाऊं कसाई खाने, चाबुक से पीटी जाती। फिर उबले जल से चमड़ी, मेरी उतारी जाति ।जब यंत्र मौत का आता, मत पूछो मेरी कहानी।मेरा ना कोई रखवाला, सारी दुनिया हुई विरानी। मैं तुझ बिन…
जिसे अपनी कहते थे प्रभु, वह आज हुई पराई। सच्चिदानंदन तुमने, कैसी लीला दिखलाई ।कटती बाजार सड़कों पर, करते हैं सब मनमानी।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 मेरा ना कोई रखवाला,सारी दुनिया हुई विरानी। मैं तुझ बिन…
मैं मां बन दूध पिलाती, तुम मां का मांस भी खाते। क्यों जननी के चमड़े से, तुम जूते आज बनाते ।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹गौ हत्या बंद करो रे,रहने दो वंश निशानी। मेरा ना कोई रखवाला, सारी दुनिया हुई विरानी।में तुझ बिन..