तर्ज,उमराव थारी बोली प्यारी लागे जी
श्री श्याम म्हाने थांके धाम बुलाओ बाबा श्याम।श्री श्याम जी हो म्हारा श्याम।
नैना तरसे रात दिन, मनड़ो लागे नाय। हिवड़े माही आपकी, सूरत गई समाय।🌹🌹🌹🌹 श्री श्याम म्हाने अब तो धीर बंधाओ बाबा श्याम।श्री श्याम जी हो म्हारा श्याम।
मनडे की थे जानता, और न जाने कोय। दर्शन बिन म्हारे कालजे, दर्द चुभीलो होय।🌹🌹 श्री श्याम म्हाने बेगा दरस दिखाओ बाबा श्याम।श्री श्याम जी हो म्हारा श्याम।
पल पल थारो आसरो, थारे पर ही जोर। थारे हाथा सौंप दी मैं तो जीवन डोर।🌹🌹🌹 श्री श्याम थारी मर्जी जियां, नचाओ बाबा श्याम।श्री श्याम जी हो म्हारा श्याम।
एक अरज थारो भक्त करें, थाने अपनों जान।बहुत पुरानी आपसे, म्हारी जान पहचान।🌹 श्री श्याम एक बर हो सके तो, बतलाओ बाबा श्याम।श्री श्याम जी हो म्हारा श्याम।