बस रहयो बालो रे,सालासर गांव में,धन थारी अंजनी माता,धन थारे नांव ने।
बालापन में बालो गोदी बैठ्यो मात क☀️☀️,पूरब दिशा में लाली देखी प्रभात की।मारके छलांग पकड्यो,उगतोड़े भान ने।धन थारी अंजनी ….
भरी तो सभा में जद, बीडो फेरयो रामजी।सियाजी की सुधि ल्याणो,बड़ो करडो काम जी।☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️अंजनी दुलारो झट, चाब्यो नागर पान ने।धन थारी अंजनी…
तने है शरम तेरे, माता के दूध की।लंका में पहुच्यो बालो सागर ने कूद के।☀️☀️☀️सियाजी को दर्शन कर भज्यो राम नाम ने।धन थारी अंजनी..
सिया की गोदी में गेरी, राम की सेनानी रे। कून पक्षी बोले ऐसी, मीठी-मीठी वाणी रे।☀️☀️ मुखड़ो दिखा दे बाला आजा मेरे सामने। धन थारी अंजनी…
माता को हुकुम लेकर, मीठा फल खा लिया। लंका ने जलाए देयी, दुश्मन ने ढा दिया।☀️ सिया को संदेशों ल्यायो, दियो श्री राम ने। धन थारी अंजनी…
लक्ष्मण ने मूर्छा आई, शक्ति की पीड़ में। राम कहवे बालो म्हारे ऑडो आयो भीड़ में।☀️☀️ बन में बचाया मेरे, भाई का प्राण ने।धन्य थारी अंजनी…
कपट रचयो है वो तो कपटी अहिरावण ने। राम लखन ने ले गयो भेंट चढ़ावन ने ।☀️☀️देवी की देह जद, धारी हनुमान ने। धन थारी अंजनी…
आय के पूजायो बाला, गांव सालासर में।सुख और संपत्ति,करी घर घर में।☀️☀️☀️☀️☀️भक्त पुकारे बाला,सुनो खोलो कान ने।धन थारी अंजनी…