तर्ज,बजरंग बाला जपूं तेरी माला
लटक निराली हे वनमाली कैसे करूं बखान, अनोखी झांकी है ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺श्याम वरण रत्नारे नैन है, मस्तानी मुस्कान।अनोखी झांकी है।
मोर पंख सीर पर सोहे, झूमर की छवि न्यारी है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 रत्नजड़ित गल हार पड़यो,वैजयंती मतवारी है। पागल हंसा बेगो कर ले,प्रीतम से पहचान ।अनोखी झांकी है।
तकमा झब्बेदार बने, चोटी घूंघरवाली है।🌺 फेंटे की फहरन माही, लहरें नवरंग वाली है। ताता थैया नाचे मोहन, छेड़े बीन की तान। अनोखी झांकी है।
नागराज के मस्तक पर, झूम रहे बृजराज खड़े। पड़ी तागड़ी मोती की, भांति भांति के रतन जड़े।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 नाग सुता तेरी करे आरती, गावे मंगल गान।अनोखी झांकी है।
सांवलिया गिरधारी का, देख लिया जिसने जलवा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 अमृत नैन हुए उसके, श्याम नाम का ले हलवा। सुन सुन कर मोहन की बतियां, तड़पन लागे प्राण।अनोखी झांकी है।