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रानीसती दादी भजन लीरिक्स

Kathe se lyau pakh, कठे से ल्याऊं पांख कठे से ल्याऊं घोड़ी, रानिसती दादी भजन

कठे से ल्याऊं पांख कठे से ल्याऊं घोड़ी

तर्ज,कठे से आयो श्याम

कठे से ल्याऊं पांख कठे से ल्याऊं घोड़ी।🌺🌺में कईयां आऊं ये मैया,थारे दौड़ी दौड़ी।

थारे चुनर कोई उढावे, सोने का छत्तर लावे। मैं आय चढ़ाऊं ए मैया, नाला की दो जोड़ी। मैं कईयां…

थारे रुपया कोई चढ़ावे, कमरा भी आए बनावे।मैं ल्याय चढ़ाऊं ये,मैया मेहंदी रोली थोड़ी।में कईयां…

मेरी के गलती मां हुई,क्यों आंख मिचकर सोई। मैं चरण पखारू ए मैया,खोलो आंख मिच्योडी। मैं कईयां…

मने क्या जोगी मां कर दे,मेरी खाली झोली भरदे।में कलशी ल्याऊँ ये मैया,मोहर रुपिया भरयोडी।में कईयां…

मां ममता तूं ही दिखावे, भक्तों की आश पुरावे।में चाहूं मैया ये धुली,चरना में लागयोडी।में कईयां…

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