तूं श्याम कुंड मैं नहाले के सोचे मनवा खड्यो खड़यो।
ईस कुंड की अजब कहानी है। यहां प्रगटया शीश का दानी है। ये भक्तों का रखवाला। के सोचे…
इसका जल बड़ा उपकारी है ।तेरी कट जावे सारी बीमारी है। तूं अपने कष्ट मिटालें। के सोचे..
कोढी का कोढ मिटाता है ।अंधा भी आंखें पाता है। तूं गोदी लाल खिला ले। के सोचे..
इसमें भक्तों के पुण्य कर्म ।नहाले बंदे मत करो शर्म। जीवन को सफल बना ले ।के सोचे..
जो एक बार इसमें नहाया। वह बार-बार खाटू आया ।एक बार तूं भी अजमाले ।के सोचे…
नहाकर के श्याम का दर्शन कर ।दर्शन कर अपनी झोली भर। मनचाहा काम कराले। के सोचे…