हारे का तू है सहारा सांवरे। हमने भी तुझको पूकारा सांवरे। नहीं और सहा जाए, हम बोल कहां जाएं। हारे…
हमें अपनी आंखों से दूर नहीं करना, हम रो पड़ेंगे, मजबूर नहीं करना। अपनों के सताए हैं। तेरी शरण में आए हैं। हारे…
हम हैं कितने हारे, परछाई कह रही है। आंखों से दिल की, सच्चाई कह रही है। यह नींर जो बहता है, रो रो के कहता है। हारे..
कितना भी हम पर, हंसे यह जमाना। मेरा तो कन्हैया से, नाता पुराना। संतोष यही मन में, तुम हो मेरे जीवन में। हारे…