तर्ज,ज्योत से ज्योत जगाते चलो
सांवरा सलोना थाने आयां सरसी, टाबरिया की बात निभायां सरसी।
बड़े ही जतन से बाबा,सजायो दरबार है। आओ जी पधारो बेगा,थारो इंतजार है।शोभा दरबार की बढ़ायां सरसी। टाबरिया….
जोत भी जगाई बाबा,आज बड़े चाव से। मिल के रिझावां थाने,बड़े प्रेम भाव से।म्हारो सोयो भाग,चमकायां सरसी।टाबरिया…
गूंथ गूंथ फूल थारो, गजरो बनायो है। चंदन की चौकी पर थारो, आसन सजायो है।म्हाने थारे चरणों से,लगायां सरसी।टाबरिया..
छप्पन भोग साग,खीर चूरमो त्यार है। सोच में क्यूं बैठ्या आओ,थारो के विचार है। रूचरुच भोग लगायां सरसी।टाबरिया…
म्हाने तो सांवरिया अब,थारो ही सहारो है। थारे बिन दुनियां में, इब कुंन म्हारो है।रिश्तेदारी थाने भी निभानी पडसी।टाबरिया..