सावन की बरसे बदरिया, मां की भीगे चुनरिया।भीगे चुनरिया मां की भीगे चुनरिया।सावन की…
लाल चुनड़ मां की चमचम चमके।❤️❤️❤️ माथे की बिंदिया भी, दम दम दमके।हाथों में झलके मुंदरिया। मां की भीगे चुनरिया।
छाई हरियाली डूबे,अमुवा की डाली।❤️❤️ होके मतवाली कूके,कोयलिया काली।बादल में कड़के बिजुरिया।मां की भीगे चुनरिया।
ऊंचा भवन है तेरा,ऊंचा है डेरा।❤️❤️❤️❤️ कैसे चढ़ूं पांव फिसले है मेरा।टेढ़ी मेढी है डगरिया।मां की भीगे चुनरिया।
काली घटा पानी भरके लाई।❤️❤️❤️❤️ झूला झूले है मेरी जगदम्बा माई।भक्तों पे मां की नजरिया।मां की भीगे चुनरिया।