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राम भजन लिरिक्स

Raja dashrath ke darwarराजा दशरथ रे दरवार, बाजा बाज रहया।राम लला के जन्म का नया भजन,तर्ज,माता सेडल के दरवार

राजा दशरथ रे दरवार, बाजा बाज रहया।

राजा दशरथ रे दरवार, बाजा बाज रहया।

तिथि नवमी और मंगलवार, बाजा बाज रहया।प्रगटया चारूं राजकुमार,बाजा बाज रहया।

आया निरखन ने नर नार,बाजा बाज रहया।आया ब्राह्मण संत अपार,बाजा बाज रहया।🪄

आया शिव ब्रह्मादिक द्वार,बाजा बाज रहया।आया देव ऋषि मुनि लार,बाजा बाज रहया।

आई माया बायां री दार,बाजा बाज रहया। 🪄संग आई ले परिवार,बाजा बाज रहया।

सब बोलत जय जयकार,बाजा बाज रहया।राजा दशरथ लुटावे भंडार,बाजा बाज रहया।

कोई मांगे अन्न धन अपार,बाजा बाज रहया।कोई मांगे नौलखो हार,बाजा बाज रहया।

कोई निरखे राम बार बार,बाजा बाज रहया।कोई थुथकारा डाले हजार,बाजा बाज रहया।

चारों माता हरख रही आज,बाजा बाज रहया।सब तरफ होवे मंगलाचार,बाजा बाज रहया।

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