कैसे रिझाया जाय,कैसे सजाया जाय।
बोल बजरंग बोल तुझे, कैसे मनाया जाय।
धूप दीपक कपूर और अगरबत्तियां,
लाल लाल सजाऊँ,में फूल पत्तियां।
लाल सिंदूर से रंग दूं, तेरा चोला,
चंदन तुझको चढ़ाऊँ, केशर घोला।
बोलो बाबा कुछ तो बोलो,मेरे दिल को टटोलो२।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
बेला पिरोया जाय,चमेली डाली जाय।🌹🌹बोल बजरंग बोल तुझे कैसे मनाया जाय।
कैसे रिझाया जाय,कैसे सजाया जाय।
बोल बजरंग बोल तुझे, कैसे मनाया जाय।
मेवा मिसरी सजाऊँ,सवा मन चूरमा,
नारियल ताजा बधारूं, पेड़े और खुरमा।
हलवा बादामी लाया,फलों की रबड़ी,
जरा सूंघो तो खुशबू है,बड़ी तगड़ी।
बोलो बाबा कुछ तो बोलो,जरा अंखियां तो खोलो२।
बरक लगवादूं।
पिस्ते कतरे जाय,बादाम डाला जाय।🌹🌹🌹बोल बजरंग बोल तुझे, कैसे मनाया जाय।
कैसे रिझाया जाय,कैसे सजाया जाय।
बोल बजरंग बोल तुझे, कैसे मनाया जाय।
तेरे दर पे बजाऊं ढोल मंजीरे,
तुझको भजन सुनाऊं में धीरे धीरे।
तुलसी रामायण पढूं या तेरा अष्टक,
पढूं चालीसा तेरे चरणों में मेरा मस्तक।
बोलो बाबा कुछ तो बोलो,मेरे मन को टटोलो।२।
माला जपवा दूं।
राम जपाया जाय,श्याम जपाया जाय।🌹🌹बोल बजरंग बोल तुझे, कैसे मनाया जाय।
कैसे रिझाया जाय,कैसे सजाया जाय।
बोल बजरंग बोल तुझे, कैसे मनाया जाय।