डम डम वजे गुरा दा डमरु….
मेरे सुन भोले शंकर तु तेरे संग मोहे है जीना
मन वृंदावन जो जाए, तो राधा राधा गाए।
हाय करेले से कड़वी हमारी ननदी।
जागो जागो बजरंगबली, मैं तुम्हें जगाने आई।
तेरे लंबे लंबे हाथ, कभी नजर ना आए।
सत्संग में चलो हरे रामा।
तेरे साथ में इंस्टा पे में रील बनाऊं रे।
श्याम धनी से लगन लगा ले, चिंता फिकर सारी छोड़ दे।
जय जय सीतापति श्री राम
वृंदावन में रहता है वह, उसका नाम कन्हैया है।
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