रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीताराम। बैठे पवन सुत प्रभु के चरण में। राम भजन करे सुबह शाम। एक और सिया एक और लखन। बीच में है जग के पालन। अमर है यह दोनों,सिया राम राम राम, जय जय राम।सिया राम राम राम, जय जय राम। राम की धुन मेरे मन में गूंजे, गूंज […]