धुंधला गया रे, सारा जहाँ ये,ज़ख्म ये गेहरा मुझ में हुआ रे।अब क्या करूँ मैं, तू ही बतादे,जीने की मुझको अब तू वजह दे।क्या ये सच है तेरा, या तो भ्रम है मेरा।ये समय का लेखा, है क्यों इतना बुरा।मेरे भरोसे को तोड़ने लगा,पलकों के पानी से खेलने लगा।थम गया, थम गया वक्त ये मेरा।जाग […]