काजल भरीयो कुंपलो कोई पडयो पलंग रे हेत कोरो काजलियो।काजल भरीयो कुंपलो कोई पडयो पलंग रे हेत कोरो काजलियो। इन काजलिये रे कारने ,कोई छोड़ा मायरे बाप कोरो काजलियो।काजल भरीयो कुंपलो ,कोई पडयो पलंग रे हेत कोरो काजलियो। मैं थाने बरजू साहिबा, कोई उँधाले मत आये कोरो काजलियो।उँधाले री रुत बुरी, कोई रातू ख़टमल खाए […]
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काजल भरीयो कुंपलो कोई पडयो पलंग रे हेत कोरो काजलियो।