जिस सुख की चाहत में तू,दर दर को भटकता है,वो श्याम के मंदिर में,दिन रात बरसता है,जिस सुख की चाहत में तु,दर दर को भटकता है………. अनमोल है हरपल,तेरी जिंदगानी का,कब अंत हो जाए,तेरी कहानी का,जिस पावन गंगाजल से,जीवन ये सुधरता है,वो श्याम के मंदिर में,दिन रात बरसता है,जिस सुख की चाहत में तु,दर दर […]
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जिस सुख की चाहत में तू,
दर दर को भटकता है,