हम बनिए हां जी किसी के गेल्यां , लड़ता कोनया जी। पैसे की चिंता कोनी टेची गेल्यां रखते जी। सांस ना हो पर शासन जग में सेटिंग रखता जी। अरे चाय पीवन के आदि सा, कोई नशा न चाहता जी। पांच बेरी और चिट्ठा कुर्ता टिकट दे मन्ने। सफेद मीठा बोलेगा वह बनिया होगा रे।सफेद […]