मालन फूलड़ा सा ल्याए, ईसरदास थारो कोटड्या जी
Category: gangor geet
घुड़लो रे बांधो सूत घुड़लो घूमेलो जी घूमेलो
गवरल आई रे सगला रे मन में खुशियां छाई रे,गवरल आई रे।
गौरा जी म्हारी विनती सुनो जी धर ध्यान
ओजी म्हारी सहेल्यां जोवे बाट, भंवर म्हांने खेलण द्यों गणगौर।
लड़ली लूमा झुमा ऐ,ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो।
थारा झालरिया में,, कोयलिया रो शोर बोले,
म्हारा पियर में साहिबा, बोई गणगौर।
बाड़ी वाला बाड़ी खोल ,बाड़ी की किवाड़ी खोल
म्हारा माथ न मैमद ल्यावो,
म्हारा हंजा मारू यहीं रहो जी।
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