ओ म्हारी घूमर छे नखराळी ऐ माँ
घूमर रमवा म्हें जास्याँ,
Category: gangor geet
म्हारा दादाजी के जी मांडी गणगौर रसीया घडी दोय खेलवाने जावादो।
लाड़ बहुँवां न चुनडल्यारो चाव
लेद्दो ना ब्रह्मादास जी रा ईसरदास चूनड़ी जी।
ये मोती समदरिया म नीपज ,
ऐल खैल नंदी जाय ,यो पानी कित जाय सी।
हर्या ए झंवारा ,गीवाला सा प्यारा ,तो सिर स उंचा होय ,रया जी
छोटी सी तलाई ए पाना फूला छाई ए
इशर जी तो पेंचों बाँध गोरां बाई पेंच संवार औ राज,
कोठ चिनाई ओ राजा कोठडी चिनाय।
माथा न मेंमद लाओ, भंवर म्हांरी रखडी रतन जडाय
You must be logged in to post a comment.